ज़ालिम इसराइल, फ़िलिस्तीनियों पर क्रूरता और अत्याचार बंद करो (अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी)
(स्टाफ रिपोर्टर)
मुंबई: सुन्नी बिलाल मस्जिद ईदगाह मैदान में लगभग 200,000 फिलिस्तीनियों की शहादत और 8% आबादी की मौत के विरोध में सुन्नी उलेमाओं की एक आपात बैठक बुलाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी जिलानी साहब सज्जादा खानकाह आलिया किछोछा मुक़दसा और ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के अध्यक्ष ने किया। भारी बारिश के बावजूद सुन्नी उलेमाओं ने फ़िलिस्तीन के प्रति अपनी आस्था और सहानुभूति दिखाते हुए बैठक में भाग लिया। मोईन अल-मशाइख ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि मजलूम फिलिस्तीनियों का समर्थन करने वाली भारत सरकार को तुरंत इजरायल के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर देने चाहिए। आपने संयुक्त राष्ट्र को चुनौती दी और कहा कि यह संगठन एक औपचारिक संगठन है, जो अप्रभावी है। इस संगठन पर कुछ देशों का वर्चस्व है जिनके कार्य चल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका का एक कठपुतली संगठन है। इस संस्था से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने इस्लामिक देशों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे अज्ञानता की नींद सो रहे हैं। वे मूकदर्शक बनकर फिलिस्तीन का खूनी मंजर देख रहे हैं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो वह दिन दूर नहीं कि उनका भी वही हाल होगा जो आज फिलिस्तीन का है। आप एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं और मजलूमों के लिए दुआ करना आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल को लेकर दो टूक कहा कि शरीयत में दखल हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते। भले ही हमें इसके लिए कोई कदम न उठाना पड़े, हम उठाएंगे।’ संस्थापक रज़ा एकेडमी अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी उपाध्यक्ष ऑल इंडिया ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि क्रूर इजराइल को अपना उत्पीड़न बंद करना चाहिए अन्यथा हम सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि आज अरब देशों के नेताओं को चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए और घर बैठो। इस्लामिक देशों की चुप्पी उनकी कायरता का सबूत है। आपने कहा कि इस बारिश में अहले सुन्नत के उलेमाओं की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति उनकी आस्था की भावना को दर्शाती है। उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा कि संयुक्त राष्ट्र को भंग कर देना चाहिए और इसकी बागडोर उन देशों के हाथों में दे देनी चाहिए जो पूरी दुनिया में न केवल न्याय और निष्पक्षता की बात करें बल्कि न्याय और समानता स्थापित करने के लिए ठोस कदम भी उठाएं। मुफ्ती अब्दुल मनान कलीमी मुरादाबाद ने कहा कि हमारा फिलिस्तीन की धरती से दिल का लगाव है, हम फिलिस्तीन को कभी नहीं भूल सकते।
मदनपुरा की सुन्नी ग्रैंड मस्जिद के खतीब और इमाम मुफ्ती जुबैर अहमद बराकती ने कहा कि उन्होंने अहले-सुन्नत के उलेमाओं से कहा कि हम सभी को अल्लाह से दुआ करनी चाहिए कि इजराइल का विनाश हो जाए। मस्जिद कुबा के खतीब इमाम मौलाना अमानुल्लाह रजा ने जोशीले भाषण में कहा कि हम सच बोलना नहीं छोड़ेंगे चाहे हमें जेल जाना पड़े। फ़िलिस्तीनी उत्पीड़ित हैं और इज़रायली उत्पीड़क हैं। हम फ़िलिस्तीनियों के लिए दुआ करना जारी रखेंगे और किसी भी स्थिति में इज़रायल की निंदा करेंगे। उन्होंने इस नरसंहार के लिए इजराइल सरकार की कड़ी निंदा की, मौलाना इरफान अलीमी ने कहा कि इजराइल फिलिस्तीनियों की दयालुता को भुला दिया गया है, फिलिस्तीन ने उसे शरण दी थी, आज यहूदी ही फिलिस्तीन को विस्थापित करने पर तुले हैं। मुफ्ती अजीम उद्दीन ने कहा कि इजरायली सरकार को अपनी बेरुखी बंद करनी चाहिए। कार्यक्रम का आयोजन मौलाना अब्दुल रहीम अशरफी ने किया।