वाराणसी में कृषि मुख्य वैज्ञानिक हुए एकत्र, G-20 की 100वीं बैठक के साथ भारत ने हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि

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-वाराणसी में आयोजित बैठक में दुनिया के 20 प्रमुख देशों और अन्य भागीदार देशों के 80 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
-प्रतिनिधियों ने कृषि और खाद्य प्रणालियों को टिकाऊ बनाने के लिए जिम्मेदारी, संसाधनों, प्रौद्योगिकियों को साझा किया
-सभी विदेशी मेहमान 18 अप्रैल को सारनाथ जाएंगे
वाराणसी। 20 अप्रैल। भारत 17 अप्रैल को वाराणसी में अपनी 100वीं G20 बैठक यानी कृषि मुख्य वैज्ञानिकों (MACS) की बैठक की मेजबानी के साथ ही अपनी G20 अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। होटल द ताज गंगेज में आयोजित G20 वर्किंग ग्रुप की 100वीं बैठक थी जो पिछले साल 1 दिसंबर को शुरू हुई थी। 17 अप्रैल को गोवा में आयोजित बैठक के अलावा हैदराबाद में दूसरा डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप और शिलांग में स्पेस इकोनॉमी लीडर्स प्रीकर्सर मीटिंग भी आयोजित की गई।

वाराणसी में आयोजित बैठक में दुनिया के 20 प्रमुख देशों और अन्य भागीदार देशों के 80 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर G20 के सदस्य देश और आमंत्रित देश कृषि और खाद्य प्रणालियों को टिकाऊ बनाने के लिए जिम्मेदारी, संसाधनों, प्रौद्योगिकियों को साझा किया। बैठक का पहला सत्र खाद्य सुरक्षा और पोषण: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका पर केंद्रित किया गया । वहीं दूसरा सत्र ‘लचीला कृषि-खाद्य प्रणाली’ पर आधारित था। इस दौरान विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार और पर्यावरण को देखते हुए अनुकूल खेती करने का संदेश दिया गया।
बैठक के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह शामिल हुए। सिंह के अलावा कृषि मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लिया। इस मौके पर जनरल सेवानिवृत्त वीके सिंह ने कहा कि यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार ने देश में कृषि से संबंधित कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं और हम बाकी दुनिया के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
बैठक में विचार-विमर्श के लिए “बाजरा और अन्य प्राचीन अनाज अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहल (महर्षि)’ प्रस्तावित किया गया। सिंह ने कहा कि भारत में बाजरा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है क्योंकि हम सदियों से सुपरफूड उगा रहे हैं। तीन दिवसीय बैठक का आयोजन कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
बैठक के बाद सभी प्रतिनिधि काशी भ्रमण के बाद गंगा आरती में भी शामिल हुए। दूसरे दिन ‘डिजिटल कृषि व सतत कृषि मूल्य श्रृंखला और कृषि अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी: विकसित और विकासशील देशों से परिप्रेक्ष्य’ शीर्षक पर एक सत्र होगा। इसके बाद सभी विदेशी मेहमान शाम को सारनाथ जाएंगे। यहां संग्रहालय और लाइट एंड साउंड शो देखेंगे, जबकि बुद्धा थीम पार्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद लेंगे। इससे पहले रविवार को बैठक में शामिल होने के लिए G20 सदस्य देशों के प्रतिनिधि पहुंचे। इस दौरान उनका काशी में जोरदार स्वागत किया गया। बैठक का समापन 19 अप्रैल को होना है।
भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान व्यक्तिगत रूप से भागीदारी अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी में से एक है। अब तक 100 से भी अधिक राष्ट्रों से 12,300 से अधिक प्रतिनिधियों ने G20 से संबंधित बैठकों में भाग लिया है। इसमें G20 सदस्यों, 9 आमंत्रित देशों और 14 अंत संगठनों की भागीदारी शामिल है। आज तक, 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कवर करते हुए 41 शहरों में जी20 की 100 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।

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