स्टंट बाज़ी से किसको होने वाला है सियासी फायदा और किसका नुकसान ?
* उद्घाटन शीला पट्ट से आखिर क्यों गायब हो गया AAA का नाम?
*गुरु के इशारे पर चेले और B** *ब्रिगेड को फायदा पहुंचाने के लिए रची गई कूटनीति*
भिवंडी की सियासत मे लेफ्ट और Right विंग दोनों एक साथ है. और मिलकर मलाई खाने के साथ ही एक ही सियासी दुकान पर चाशनी तैयार कर अलग – अलग डब्बे में पैकिंग कर परोसने का काम काफी लंबे समय से चल रहा है.. मग़र स्टंट बाज़ी और हवा बाज़ी और कला बाज़ी का जो खेल शहर की सियासत मे पिछले 5 साल में शुरू हुआ उस तरह का चाल चरित्र और चेहरा शहर ने कभी नहीं दिखा था, सत्ता की मलाई का आंनद विपक्षी लेते देखे गए, और उसकी हज़ारों बानगी शहर की फ़िजा में देखी जा सकती है…. मग़र जो स्कुल अचानक सुर्खियों में आने की बात कर रहे हैं वो मुर्ख और धूर्त है क्यों कि शांति नगर؛ गैबीनगर रोड पर स्थित ये उर्दू स्कुल शुरू से ही सियासत का केन्द्र बिन्दु रहा है. चाहे एक CRC के द्बारा क्लास रूम खाली करवा कर अपनी अवैध आफिस बनाने का मामला रहा हो चाहे उक्त स्कुल पर कब्जा ज़माने का मामला रहा हो मुझे अच्छे से याद है कि 8 साल पहले 2016 जुलाई में गैबी नगर इमारत हादसे के मनपा ने उक्त स्कुल को धोखादायक घोषित करते हुए उसे पूरी तरह सील कर दिया था. मग़र साल 2017 में शहर और राज्य में सत्तासीन पार्टी के नेताओं ने अपने सियासी फायदे के लिए बिना मरम्मत के ही उक्त उर्दू स्कुल को उसी मनपा से खुलवा कर पढ़ाई दूबारा शुरू करा दिया था. मग़र मनपा चुनाव बीतते ही उसे दुबारा सील कर दिया गया… स्कुल की मरम्मत की लागत उस समय कुछ 17 लाख थी जो बाद में बढ़ कर 47 हो गई मनपा कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देकर उसे कभी मरम्मत करने के लिए पहल नहीं किया.. लगभग 5 साल पहले शुरू हुए राजा हरिश्चंद्र का दौर जिसमें मलाई के साथ छास और मट्ठा पीने के जो नए कल्चर की शुरुआत हुई उसमें सारे नियमों और मानकों की जमकर धज्जियाँ उड़ायी गई जो जगजाहिर है… और उसके अनेकों उदाहरण पूर्व मे मिल जाएंगे हम उसकी बारीकी और मनपा की मजबूरी पर कत्तई नहीं जाना चाहते और मामला उर्दू से जुड़ा हो और जिसे उर्दू न आती हो उसके लिए और भी गर्व की बात है क्यों मिल्लत को उसी से खुश किया जा सकता है भले ही वो हमारी नहीं ब्लकि ब्लकि देश की भाषा जिसका जन्म यही पर हुआ है मगर उस भाषा को वो सम्मान नहीं दिया जा रहा है क्यों कि एक विशेष वर्ग की बोली जाने वाली भाषा है उसी को सियासी हथियार बनाते हुए स्थानीय स्व घोषित महामना ने उसे कैश करने की योजना तैयार किया और 10 करोड़ से चार मंजिला भवन और भावना दोनों का निर्माण हुआ उस निर्माण में कमी खामी और मनपा की लापरवाही ठेकेदार के जरिए माल की कटाई के दरकिनार करते हुए विगत कई दिनों से जो स्कुल को लेकर खूब बावेला मचाया जा रहा था. कई महीने से उद्घाटन की समय बदले रहे मगर 4 और 14 के फ़ेर में ओपनिंग को मनपा ने लटका दिया जिसके बाद आज शहर मे होने वाली स्टंट बाज़ी इसका जीता जागता प्रमाण है….
*आखिर AAA के नाम उद्घाटन शीला से क्यों किया गया गायब?*
शहर के बुद्धिजीवी वर्ग ये जानना चाहता है कि निमन्त्रण पत्र पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी मुखिया का नाम था. मग़र सोशल मीडिया पर VIRAL हो रहे उद्घाटन शीला पर उनका नाम ही गायब था जिसके बाद AAA के समर्थकों में जबर्दस्त नाराजगी थी सूत्र की माने तो AAA उसके बाद भी ओपनिंग में आने वाले थे मगर एक सियासी पार्टी के नेता और छोटे गुरु ने प्रोटोकाल का हवाला देकर उक्त उद्घाटन समारोह में रोड़ा लगा दिया जिसके बाद मनपा ने कार्यक्रम से महज कुछ घण्टे पहले पत्र जारी कर कार्यक्रम को स्थगित कर दिया…..
*उद्घाटन रद्द हुआ या करवाया गया*
मनपा से जुड़े सूत्रों की माने तो बड़े गुरु के इशारे पर छोटे गुरु ने काम बढ़ाते हुए प्रोटोकाल की अनदेखी करने का आरोप लगाया जिसके बाद मनपा ने आव देखा न ताव फौरन पत्र जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया क्यों मामला उपर से जुड़ा था तो ये तो होना ही था… महाराष्ट्र में जल्द ही विधान सभा चुनाव की घोषणा होनी है उससे पहले ही सारी सियासी बिसात बिछाने की तैयारी है अभी से ही खेला और उसके खदेड़ा शुरू होने की प्रबल संभावना है..