ठोस नीति का एलान कब होगा?*
Torrent power कंपनी से निजात दिलाने का वादा कब पूरा करेंगे?*
पावर लूम पर आखिर कब तक स्टडी करने का ढोंग होगा, सरकारी एजेंसियाँ आखिर इतने सालों में क्या किया और आखिर चुनावी साल में पावर लूम क्यों याद आया यह भी सबसे बड़ा सवाल है? अभी तक सिर्फ स्टडी हो रही है उसे अमली जामा कब पहनाया जाएगा, बुनकर झूठ फरेब और झांसे में इतना आ चुके है कि उन्हें अब जनप्रतिनिधियों की नीति और नीयत दोनों पर शक हो रहा है. इससे पहले भी बुनकरों की भीड़ दिखाकर खरीद फरोख्त का कारोबार हो चुका है यह इतिहास है इस उद्योग का जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है. कुछ लोगों की नज़र में हर काम पहली ही बार हो रहा है. मग़र जब उसके अतीत में गोता लगते है तब मालूम होता एक बार फिर छले गए है, मोमिन एक बिल से कितनी बार डसा जाएगा कब तक बुनकरों को ठगा जाएगा क्यों कि यह भी सबसे बड़ा झूठ है कि प्लेन पावर लूम की स्टडी का काम पहली बार हो रहा है, अगर ऐसा होता तो पावर लूम संजीवनी योजना कभी नहीं आ पाती और लूम उद्योग कब का पूरी तरह तबाह हो चुके होते. मगर ऐसा नहीं है स्टडी क्या करना है? पावर लूम की समस्या भिवंडी और मालेगाँव के बच्चे को मालूम है.
देश सबसे बड़े पावर लूम हब भिवंडी के लाखों पावर लूम कबाड़ के भाव बिक गए सरकार सोती रही, पावर लूम उद्योग में लोगों ने अपना खुद का पैसा लगाया था, बैंकों और सरकारों के रहमोकरम पर नहीं है, GST टैक्स कलेक्शन कितना है? और मिल क्या रहा है? यार्न की सट्टेबाजारी पूरे उद्योग को तबाह बर्बाद कर दिया और सबसे अहम बिजली franchise कंपनियों को खुली लूट की झूट ने पूरे उद्योग का बेड़ा गर्क कर दिया, उसके बाद भी स्टडी हो रहीं है? Torrent पावर को भगाने का वादा था मगर क्या हुआ? MVA सरकार गई शिंदे – बीजेपी अजित पवार की सरकार आ गयी मगर नतीजा शून्य है आखिर क्यों? क्या एक बार फिर चुनाव के दौरान बुनकरों के ज़ज्बात के साथ खेलने की घिनौनी साजिश है? या फिर उनके ज़ख्मों पर नमक छिड़कने की तैयारी? इस बात का जवाब जनप्रतिनिधियों और सरकार को देना होगा.