खुद को पत्रकार, संपादक, संस्था के अध्यक्ष बताने वाले शैलेन्द्र द्विवेदी को भिवंडी ग्रामीण पुलिस ने किया गिरिफ्तार ,ये महाशय गुटखा बेचने वालों के खिअफ़ जंग लड़ने का दावा करते है जबके ये साथ से आठ लोग की टीम बना कर गुटखा वालो से हफ्ता वसूली का काम करता है सुथरो से पता चला है कि जो लोग इससे गुटखे की ट्रांसपोर्टिंग नही करवाते है ये उनकी गुटखे से भरी गाड़ी को लूट कर उसमें से आधा माल बेच देता है और पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर ये आधे पर केस करवाता है हाल ही में ये पालघर जिले में एक टेम्पो को लूट चुका है जिसमे बीड़ी,सिगरेट,, तम्बाकू भरा हुआ था ऐसे कई काम को इसने अंजाम तक पहुंचाया है जहां भिवंडी ग्रामीण पुलिस ने एक मामले इसे गिरफ्तार किया है ये बड़ी चालाकी से अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर के अपना मोबाइल का सिम कार्ड दूसरे मोबाइल में डाल कर घर पे रख देता है और दूसरे मोबाइल में सारे सॉफ्टवेयर को डॉउनलोड कर के घर के बाहर अपनी टीम के साथ गाड़ियों को लूटने का काम कर रहा है साथ ही ट्विटर पे अपने घर पे होने की बात लिख कर प्रशासन को गुमराह करता है और मासूमियत के साथ लीखता है पुलिस मुझे फ़र्ज़ी केस में फसा रही है मेरा CDR निकाल कर मेरा लोकेशन चेक करो और पुलिस को गुमराह करने के लिए वकील, पत्रकार और भी कई लोगो का सहारा ले कर अपने आप को बचाने की कोशिश करता है मेरा पालघर SP से अनुरोध है कि इसकी कड़ी से कड़ी जांच की जाए ये इसतरह के कई और आपराधिक मामले में लिप्त है ताके इसे मालूम पड़े के पुलिस के हाथ कितने लंबे है जो हर मुजरिम के गला दबोजने में कितनी शाक्षम है