धारावी बचाव के नाम पर कल उबाठा पार्टी की ओर से निकाला गया मोर्चा, उद्धव ठाकरे ने कुछ बिल्डरों से सुपारी लेकर निकाला हुआ मोर्चा था – किरण पावसकर

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अगर धारावी जाने वाले लोगों को रहने के लिए अच्छे मकान मिलते है, उनका जीवन स्तर ऊंचा उठता है, तो इन के पेट में दर्द क्यों होता है? – किरण पावसकर

धारावी बचाव के नाम पर मोर्चा निकालने के लिए उबाठा पार्टी ने पूरे महाराष्ट्र से लोगों को इकठ्ठा किया था, लेकिन आने वाले दिनों में अगला मोर्चा उद्धव ठाकरे के खिलाफ धारावी के नागरिकों का होगा, जिसे वे मातोश्री पर लेकर जाएंगे – किरण पावसकर

जिन्हे माननीय मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथजी शिंदे साहब ने हमेशा के लिए घर पर बिठा दिया, आज वही धारावी बचाव के नाम पर रास्ते पर उतर कर मोर्चा निकाल रहे है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का सपना था कि धारावी के 40 लाख लोगों को पक्के घर मिलें, उनके रहने की स्थिति में सुधार हो और उन्हें सुख-सुविधा मिले। इसके उनके निर्देश पर 1995 में एसआरए योजना शुरू की गई। लेकिन आज इतने वर्षों के बाद भी धारावी के नागरिक इस योजना से वंचित हैं। पर आज जब उनका सपना साकार हो रहा है तो उबाठा पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के सहयोगी दल जानबूझकर उस में रोड़ा डाल रहे हैं और इसके लिए उन्होंने धारावी बचाओ के नाम पर एक मोर्चा निकाला था। असल में, वे नहीं चाहते कि धारावी के नागरिकों को अच्छे घर मिले, ताकि उनका जीवन स्तर ऊंचा हो सके। उनका ध्यान सिर्फ इस तरफ है की, इस प्रोजेक्ट में अदानी को कितना टीडीआर मिलेगा? उसका मार्किट वैल्यू कितना होगा? उसे किसे बेचा जाएगा, उन्हें सिर्फ इसकी चिंता है। वास्तव में कल का मोर्चा उद्धव ठाकरे ने धारावी के नागरिकों के लिए नहीं निकाला था, बल्कि कुछ बिल्डरों से सुपारी लेकर उद्धव ठाकरे ने मोर्चा निकाला था। उन्हें बिल्डरों ने कहा की, इतने सालों से हम मुंबई महानगरपालिका में ठेकेदार के रूप में काम कर रहे है। एक अदानी के पास सभी कॉन्ट्रैक्ट न दे, हमें भी कॉन्ट्रैन्ट मिलना चाहिए। उन बिल्डरों के कहने पर उद्धव ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास का विरोध करते हुए मोर्चा निकाला था, ऐसा आरोप शिवसेना सचिव और विधायक किरण पावसकर ने उबाठा नेता उद्धव ठाकरे पर लगाया। मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वह बोल रहे थे।

अपनी बात को जारी रखते हुए किरण पावसकर ने आगे कहा की, आज तक उबाठा पार्टी और उनके सहकारी दलों ने सिर्फ वोटों की राजनीती के लिए धारावी की जनता का इस्तेमाल किया है। धारावी के विकास के नाम पर उन्होंने वहां की जनता को आज तक ठगा है। आज तक इन्होने धारावी का विकास नहीं किया, लेकिन आज जब माननीय मुख्यमंत्री एकनाथजी शिंदे साहब के नेतृत्व वाली सरकार ने धारावी के विकास के दृष्टिकोण से कदम उठाया है, तो इनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है, ऐसा मेरा उनसे सवाल है।

जब भी सरकार ने मुंबई में कोई विकास कार्य को शुरू किया है, तब तब उद्धव ठाकरे की उबाठा पार्टी ने उस कार्य का विरोध किया है और उस में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की है। जब सरकार अच्छा काम कर रही है तो उसमे बाधाएं कैसे लायें? किसी भी चल रहे काम को कैसे रोकें? कार्य करने वाली कंपनी का मालिक मुझसे मिलने कैसे आ सकता है? इससे तोड़पानी कैसे करे? यही उनका हमेशा से प्रयास रहता है और यही उनका धंदा है। यह बहुत ही गंभीर बात है। लेकिन धारावी के विकास को विरोध कर रहे उद्धव ठाकरे को एक बात याद रखनी चाहिए कि धारावी बचाव के नाम पर मोर्चा निकालने के लिए उनकी पार्टी ने पूरे महाराष्ट्र से लोगों को इकठ्ठा किया था, लेकिन आने वाले दिनों में अगला मोर्चा उद्धव ठाकरे के खिलाफ धारावी के नागरिकों का होगा, जिसे वे मातोश्री पर लेकर जाएंगे, ऐसी चेतावनी किरण पावसकर ने दी।

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