Home International बेस्ट, अदानी, महावितरण जैसी बिजली वितरण कंपनियों की बढ़ती मनमानी और खुली...
बिजली उपभोक्ताओं से बलपूर्वक जबरन बिजली मीटर हटाने वाले बेस्ट व अडानी विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 136 के तहत चोरी का मामला दर्ज किया जाए - संदीप कटके…..
महावितरण द्वारा विद्युत नियामक आयोग को 2023-24 के लिए बिजली दरों में 37% वृद्धि करने का आम उपभोक्ताओं की कमर तोड़ने वाला प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जो आज देश में महाराष्ट्र में जहा बिजली की दरें सब से अधिक है, उस राज्य के उपभोक्ताओं के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।जिन उपभोक्ताओं की प्रति माह 150 से 300 यूनिट बिजली की खपत है, उन्हें 400 रुपये से 800 रुपये तक का अतिरिक्त झटका लगेगा, जबकि 300 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली दरों में 800 रुपये से 1700 रुपये तक की वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। इस वजह से महाराष्ट्र में नए उद्योगों के आने की तो बात ही छोड़िए, जो उद्योग पहले से यहाँ पर है, उनके भी बाहर जाने का डर है। इकोनॉमिक और औद्योगिक दरों में वृद्धि का अंतिम बोझ आम आदमी को ही उठाना पड़ता है, इसलिए पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की इससे कमर ही टूट जाएगी। हम नागरिकों से आवाहन करते है की इस प्रस्तावित बिजली दर वृद्धि के खिलाफ आप अपनी शिकायतें ऑनलाइन माध्यम से www.merc.gov.in/e-public-consultation इस वेबसाईट पर दर्ज करा सकते है। इसका इस्तेमाल करके आप अपनी शिकायते दर्ज कराए, ऐसा आवाहन आम आदमी पार्टी मुंबई के कार्याध्यक्ष रुबेन मस्करेन्हास ने आज मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया। इस प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ आम आदमी पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष संदीप कटके उपस्थित थे।इस अवसर पर आम आदमी पार्टी मुंबई के उपाध्यक्ष संदीप कटके ने कहा की, बेस्ट और अदानी विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के अपमानजनक और अन्यायपूर्ण बर्ताव के कारण से उपभोक्ताओं को मानसिक और वित्तीय उत्पीड़न हो रहा है। बिजली का बिल बकाया होने पर संबंधित बिजली विभाग के कर्मचारी कभी भी आ जाते हैं और बिना नोटिस दिये उपभोक्ता का मीटर निकाल कर ले जाते है। बाद में बिल चुकाने के बाद भी समय पर मीटर दोबारा सेट नहीं किया जाता है। उपभोक्ता को बार-बार आवेदन करने के लिए कार्यालय जाना पड़ता है और रीकनेक्शन के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों से रिश्वत की मांग की जाती है। सबसे पहली बात, भारतीय विद्युत अधिनियम कानून के तहत डिफॉल्टर का बिजली कनेक्शन निलंबित किया जा सकता है। या भौतिक रूप से (मीटर में तार काट कर) जब तक देय राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक आपूर्ति काटी जा सकती है लेकिन मीटर को हटाया नहीं जा सकता है और ऐसा करने पर संबंधित प्राधिकारी के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 136 के तहत चोरी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।साथ ही उपरोक्त विषय को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी मुंबई एवं महाराष्ट्र की ओर से उक्त बिजली कंपनियों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से आंदोलन किया जा रहा है। बेस्ट द्वारा मांगे गए अतिरिक्त सिक्योरिटी डिपॉजिट के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा किये गए आंदोलन को आज मुंबईकरों ने अपने हाथों में ले लिया है और मुंबईकर आम आदमी पार्टी द्वारा बिजली कंपनियों के खिलाफ जारी किए गए विरोध फॉर्म को बड़ी संख्या में भर रहे हैं। इसलिए हम बिजली वितरण कंपनियों को चेतावनी देते हैं कि वे समय रहते आम नागरिकों की हो रही इस लूट को रोक दे, क्योंकि अगर आम नागरिकों के संयम का बांध टूट गया, तो आप को भागने के लिए जमीन कम पड़ जाएगी, ऐसी चेतावनी संदीप कटके ने दी।