नई दिल्ली/मुंबई: मुंबई के मीरा रोड में दंगाइयों द्वारा मुस्लिम समाज में घुसकर मुसलमानों को अपमानित करने और तरह-तरह के नारों के जरिए मुसलमानों को भड़काने और प्रोवोक करने की कोशिशों के बीच एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी वर्किंग कमेटी के सदस्य सैयद जलालुद्दीन ने अपने बयान में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि शहर की शांति-व्यवस्था को नष्ट करने वाली ऐसी कोई भी कार्रवाई किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी इसके लिए दोषी होंगे, उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाएगा। सैयद जलालुद्दीन ने लोगों से धैर्य रखने की अपील की और कहा कि हमारी पूरी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर और अपने देश की शांति व्यवस्था को नष्ट न होने दें और ऐसे दंगाइयों को न्याय और कानून के दायरे में लाएँ जो भाईचारे के दुश्मन हैं, और जो फ़सादियों के समर्थक हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस पूरी घटना को मीडिया में एकतरफा बताया जा रहा है वह बेहद शर्मनाक है और इससे देश को नुकसान हो रहा है। मीडिया को ईमानदारी से रिपोर्ट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से दंगाइयों ने मुस्लिम लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार किया है, उस पर बेटियों के बयान, सीसीटीवी फुटेज सब मौजूद हैं, जिस तरह से मुस्लिमों को भड़काने का काम किया गया, उस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। और पूरे समाज को अपमानित करने की कोशिश की गई वह चिंताजनक है। इन लोगों के मुंह में रामजी हैं, लेकिन ये लोग रामजी की बदनामी का कारण हैं और इन दंगाइयों के दिल में रावण बसा हुआ है। दंगाई रामजी की शिक्षाओं को नहीं जानते, उन्हें बदनाम कर रहे हैं। सैयद जलालुद्दीन ने आगे कहा कि अगर साक्ष्यों और तथ्यों के आलोक में न्याय नहीं मिला तो पुलिस कमिश्नर का भी घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा किसी भी इंसान के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी। हमारा केवल एक ही फलसफा है, ज़ालिम के खिलाफ कार्रवाई और मज़लूम की मदद। उन्होंने कहा कि एनसीपी संविधान और कानून में विश्वास रखने वाली पार्टी है और हमारा पहला प्रयास बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को कायम रखना है। सैयद जलालुद्दीन ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं. और वे पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। पुलिस अधिकारियों से बातचीत और बैठकों का दौर जारी है, हम किसी तरह के एहसान की नहीं बल्कि न्याय की बात कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जिस संविधान की शपथ सभी ने ली है, उसे ध्यान में रखते हुए न्याय किया जाए और अल्पसंख्यकों को किसी भी तरह से निशाना न बनाया जाए और बहुसंख्यक समाज भी शांति और न्याय के लिए आगे आए। सैयद जलालुद्दीन ने आगे कहा कि लोगों को धैर्य रखना चाहिए, अगर न्याय नहीं मिला तो हाईकोर्ट जायेंगे और न्याय पाने के लिए सभी कानूनी रास्ते अपनाए जाएंगे।
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