विहार झील खतरे में(?): काम ना रुकने पर पँथर डॉ राजन माकणीकर करेंगे आत्मदाह.
मुंबई दि (संवाददाता) मुंबई की कुल आबादी के 3 प्रतिशत लोगों की प्यास बुझाने वाले ब्रिटिशकालीन विहार सरोवर के पास अनधिकृत उत्खनन से जमीनी स्तर और ऐतिहासिक विरासत झील संरक्षण को खतरा मंडरा रहा है, संविधान जागरूकता एवं साक्षरता अभियान के राष्ट्रीय आयोजक डॉ. पैंथर राजन माकणीकर अवैध्य उत्खनन रोखने की पाबंदी पर आत्मदाह करणे का इशारा दिया है।
मुंबई की 3% जल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में शामिल ब्रिटिशकालीन झील को संरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इस क्षेत्र के आसपास सरकार की मुफ्त जमीन पर परप्रांतीय और अमीर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इस जगह पर हमारी जगह बताकर अनधिकृत निर्माण किया गया है, और फिर से करने की कोशिश कर रहे हैं।
सीटीएस सर्वे नंबर 27 सी(पीटी), 27डी /1(पीटी), 27डी/2(पीटी), 28,28/1, 28/2,28/3, 28/4 और 25/5 पासपोली विलेज मुंबई डॉ. समाजभूषण के अनुसार शनिवार 6 मई 2024 से विहार सरोवर के निकट अनाधिकृत रूप से खुदाई कर मिट्टी का टीला बाहर भरने हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह एक ऐतिहासिक धरोहर है, ऑर मुंबई को इससे पीने का पानी मिलता है। यहां खुदाई कर झील क्षेत्र को कमजोर कर मिट्टी के ढेर उठाकर भरनी माफिया का पेट भरा जा रहा है। विद्रोही पत्रकार डॉ. माकनिकर ने कहा कि यहां से हर दिन लगभग 70 से 80 बिना सरकारी इजाजात के अतिरिक्त मिट्टी के डंपर बह रहे हैं और ये वाहन तेज गति से चल रहे हैं, जिससे मिट्टी और कचरा सड़क पर फैल रहा है। ऐसे में सड़क पर पैदल चल रहे राहगीरों पर मिट्टी का बड़ा ढेर गिरने से दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है, इस बात की संभावना के. ईश्वर फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. राजन माकणीकर ने व्यक्त कि।
शनिवार और रविवार साप्ताहिक अवकाश देखकर और इस समय मुंबई में चुनाव का मौसम चल रहा है और इस तथ्य का लाभ उठाते हुए कि प्रशासन के सभी अधिकारी चुनाव सेवा में व्यस्त है, येह जाणकर डेवलपर प्रशांत शर्मा ने स्थानीय लोकसेवक को ५० लाख रु रिश्र्वत स्वरूप देकर प्रशासन को कोई विरोध ना करणे के लिये कहा गया है. ऊस हीसाब से येहा अंदाधुंदी काम चल रहा है. भरनी माफिया दुर्गम ठाकुर को मिट्टी खोदने और ढेर उठाने काम दिया गया है, ऐसी जाणकारी अम्बेडकर विचारधारा के स्वाभिमानी सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ. माकणिकर ने पत्रकारों को दि.
उक्त स्थान से उत्खनन रोका जाए तथा मालगाडीयों को तत्काल जब्त किया जाए तथा विहार झील को संरक्षित किया जाए। डेवलपर्स, भरनी माफिया को गिरफतार करे और कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को निलंबित किया जाय. और भविष्य में इस स्थान पर कोई निर्माण नहीं किया जाय. और यदि लापरवाही से निर्माण की अनुमति दी गई है, तो सभी परमिटों की फिर से जांच हो. और वे वर्तमान में जैसे थे वैसे ही रहणे दे। ऐसी स्थिति में काम रोक देना चाहिए अन्यथा मुंबईवासी पीने के पानी की ज्वलंत समस्या और ऐतिहासिक धरोहरों को क्षती पोहोचणे से रोकने को लेकर आत्मदाह करेंनेकी चेतावनी समाजभूषण पँथर डॉ. पैंथर डॉ. राजन माकनिकर ने प्रशासन को दी है।