एसडीसी (मुंबई) बैंक का कॉसमॉस बैंक में विलय

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-मुंबई में साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक (एसडीसी बैंक) की सभी 11 शाखाओं (मुंबई में 10 और सातारा में 1) ने रिजर्व बैंक की मंजूरी के साथ आज से कॉसमॉस बैंक की शाखाओं के रूप में ग्राहकों को सेवा देना शुरू कर दिया है। बैंक के चेयरमैन सीए मिलिंद काळे ने बताया कि कॉसमॉस बैंक की सभी आधुनिक सेवा सुविधाएं अब इन ग्राहकों को उपलब्ध होंगी। सीए काळे ने इस विलय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उक्त विलय से जमाकर्ताओं की 143.40 करोड़ रुपये की जमा राशि सुरक्षित हो गयी है. कॉसमॉस बैंक ने निगेटिव्ह नेट वर्थ होने के बावजूद जमाकर्ताओं की सभी जमा राशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है, जो सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। द साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक का कुल कारोबार 227.54 करोड़ रुपये है।

सीए काळे ने आगे कहा कि कॉसमॉस बैंक और साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक के इस स्वैच्छिक विलय के कारण अब तक कुल 18 छोटे बैंकों का हमारे बैंक में विलय हो चुका है। इससे लाखों जमाकर्ताओं की जमा राशि सुरक्षित हुई है. कॉसमॉस बैंक का वित्तीय आधार मजबूत है और आज बैंक 31660 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार कर चुका है. साथ ही मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 151 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ और बैंक ने अपने सदस्यों को 8% लाभांश का भुगतान किया है. बैंक की शेयर पूंजी और स्वयं की निधि 2000 करोड़ रुपये से अधिक है। तीव्र बैंकिंग प्रतिस्पर्धा ने छोटे सहकारी बैंकों के लिए कार्य करना कठिन बना दिया है। कॉसमॉस बैंक ने सहयोग के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए कई बैंकों के साथ सहयोग किया है। इस से यह सुनिश्चित होता है की, सहकारी बैंकों में जमाकर्ताओं की पूंजी सुरक्षित हैं। कॉसमॉस बैंक, सबसे पुराना सहकारी बैंक होने के कारण इसलिए संकटग्रस्त बैंकों को सुनिश्चित सहायता प्रदान करने की प्रमुख जिम्मेदारी निभा रहा है।

इस विलय के कारण, कॉसमॉस बैंक की अब मुंबई में कुल 50 शाखाएँ और 7 राज्यों में कुल 170 शाखाएँ हैं। पूर्व साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक के खाताधारकों और जमाकर्ताओं ने भी अपने बैंकिंग लेनदेन को फिर से करे, ऐसी अपील सीए काले खाताधारकों से की है। पूर्व साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक के अंधेरी चकाला स्थित प्रधान कार्यालय में एक छोटा समारोह आयोजित किया गया था, इस अवसर पर साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक के निदेशक एवं कॉसमॉस बैंक के उपाध्यक्ष. प्रवीण कुमार गांधी, सभी निदेशक एवं प्रबंध निदेशक अपेक्षिता ठिपसे मौजूद थे।

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