नए ब्रांड और नए सेगमेंट के साथ होगा ब्रांड का विस्तार
मुंबई, 19 नवंबर 2024: भारत की सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने 2030 के लिए अपनी व्यापक रणनीति की घोषणा की। योजना के तहत, आईएचसीएल अपने ब्रांडस्केप का विस्तार करेगी, उद्योग में सबसे ज़्यादा मार्जिन प्रदान करेगी, पूंजी पर 20% रिटर्न के साथ अपने कन्सॉलिडेटेड रेवेन्यू को दोगुना करेगी और दुनिया भर में सराहे जाने वाले अपने सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ते हुए अपने पोर्टफोलियो में 700 से ज़्यादा होटलों को शामिल करेगी।
श्री पुनीत छटवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, आईएचसीएल ने कहा,”350 होटलों का पोर्टफोलियो बनाकर आईएचसीएल ने अपनी उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है। इनमें से 200 से अधिक होटल ऑपरेटिंग हैं और लगातार दस तिमाहियों में रिकॉर्ड वित्तीय प्रदर्शन किया है। यह मज़बूत प्रदर्शन और एक मजबूत बैलेंस शीट के साथ हमें अपनी विकास गति को तेज़ करने के लिए तैयार करता है। इस क्षेत्र के दीर्घकालिक स्ट्रक्चरल टेल विंड्स इस विजन को सक्षम करते हैं, जिनमें भारत की अनुमानित 6.5% से अधिक की जीडीपी वृद्धि है, सरकार का बुनियादी ढांचे पर खर्च पर लगातार ध्यान, होटलों की आपूर्ति से ज़्यादा मांग और उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता में वृद्धि शामिल है।”
श्री पुनीत छटवाल कहा,”दक्षिण एशिया में सबसे मूल्यवान, जिम्मेदार और लाभदायक हॉस्पिटैलिटी इको-सिस्टम होने के अपने ‘एक्सीलरेट 2030’ के विजन के साथ भारत की पर्यटन क्षमता को साकार करने की अपनी प्रतिबद्धता में आईएचसीएल दृढ़ है। आईएचसीएल नए ब्रांड लॉन्च करके अपने ब्रांडस्केप का विस्तार करेगा, विषम बाजार परिदृश्य का लाभ उठाएगा और 2030 तक अपने पोर्टफोलियो को 700 होटलों तक ले जाएगा। अपने कन्सॉलिडेटेड रेवेन्यू को दोगुना करके 15,000 करोड़ रुपये करेगा, नए व्यवसायों इतना आगे बढ़ाएगा कि उनका रेवेन्यू में हिस्सा 25%+ होगा और दुनिया भर में सराही जाने वाली अपनी सेवा उत्कृष्टता को बनाए रखते हुए उद्योग में सबसे ज़्यादा मार्जिन और निवेश पर रिटर्न पाना जारी रखेगा।”
‘एक्सीलरेट 2030’ के तहत, पारंपरिक व्यवसायों और मैनेजमेंट फी से 75% और नए, रीइमैजिन्ड व्यवसायों से 25%+ के साथ टॉप-लाइन विकास को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पारंपरिक व्यवसायों को RevPAR नेतृत्व, परिसंपत्ति प्रबंधन पहल और मौजूदा परिसंपत्तियों के इन्वेंट्री विस्तार के साथ सक्षम किया जाएगा। प्रबंधन शुल्क 2030 तक 1,000 करोड़ रुपयों से आगे जाने की उम्मीद है, जिसमें ‘नॉट लाइक फॉर लाइक ग्रोथ’ और प्रबंधित इन्वेंट्री की बढ़ती हिस्सेदारी का सबसे ज़्यादा योगदान होगा। जिंजर, क्यूमिन, अमा स्टेज़ एंड ट्रेल्स और ट्री ऑफ़ लाइफ़ जैसे नए व्यवसाय पूंजी लाइट रूट के ज़रिए तेज़ी से बढ़ेंगे, 30%+ का रेवेन्यू CAGR प्रदान करेंगे, जबकि द चैंबर्स और ताजसैट्स के रीइमैजिन्ड व्यवसाय अपनी विकास गति को जारी रखेंगे।
श्री अंकुर दलवानी, कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य वित्तीय अधिकारी, आईएचसीएल ने कहा,”अगले कुछ वर्षों में मज़बूत नकदी प्रवाह बनने की उम्मीद के आधार पर, आईएचसीएल नेट कॅश के मामले में सकारात्मक बनी रहेगी। हमारे पूंजी आवंटन ढांचे में अगले 5 वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये तक के आउटले के ज़रिए मौजूदा और भविष्य के प्रतिस्पर्धी लाभों को मज़बूत करने की दिशा में निवेश की परिकल्पना की गयी है। यह निवेश मौजूदा संपत्तियों और पहचानी गई विस्तार परियोजनाओं में होने की उम्मीद है। हम शेयरधारकों को पीएटी का 20% से 40% वितरित करने की अपनी घोषित लाभांश नीति के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जिससे भविष्य के ग्रीनफील्ड्स, बढ़ते अकार्बनिक अवसरों और रणनीतिक नकदी भंडार के लिए पर्याप्त नकदी शेष रह जाएगी।”
इष्टतम पैमाने को प्राप्त करने, नए और री इमैजिन्ड ब्रांडों के लिए सुस्पष्ट रास्ता बनाने और अभिनव प्रारूपों और अवधारणाओं को पेश करने के लिए ब्रांडस्केप का विकास सबसे महत्वपूर्ण होगा। इसमें ब्रांडेड रेसिडेंसेस जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश करना और द क्लेरिजेस जैसे नए ब्रांडों के साथ ब्रांडस्केप का विस्तार करना शामिल है, जो लक्ज़री सेगमेंट में एक अलग पेशकश के साथ बढ़ने का अवसर है।
पोर्टफोलियो का विस्तार भारतीय उपमहाद्वीप में आईएचसीएल के नेतृत्व को बनाए रखेगा। ताज ब्रांड के साथ केवल कैपिटल लाइट रूट पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्लोबल गेटवे शहरों में अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति बनाई जाएगी। ताज, सेलेक्शंस और विवांता अपनी स्थिर वृद्धि जारी रखेंगे, और दोनों मिलाकर पाइपलाइन में अन्य 100 होटलों का योगदान देंगे। नए उपभोक्ता रुझानों के साथ-साथ टियर I और II शहरों में विकास को दर्शाते हुए, हमारे नए एडिशन्स में 75% ट्री ऑफ लाइफ की बुटीक लेज़र, अपस्केल सेगमेंट में रीइमैजिन्ड गेटवे ब्रांड और मिडस्केल सेगमेंट में जिंजर शामिल होंगे।